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तुम मिले, ज़िन्दगी बदली | Part 3: सुबह की सच्चाई, दिल की दूरी

सुबह की हल्की धूप कमरे के अंदर झाँक रही थी। खिड़की के शीशे पर पड़ती धूप, और कमरे में फैलती चुप्पी के बीच दोनों के दिलों में एक अजीब सी खामोशी थी। रात की बातों, उन गहरी आँखों में छुपी भावनाओं, और उस पल की सच्चाई ने अब अपनी पूरी छाप छोड़ दी थी।

रुद्र ने आँखें खोलीं और देखा, आर्या अभी भी सो रही थी। उसका चेहरा शांत था, जैसे उसने अपनी सारी थकान उस रात में छोड़ दी हो। लेकिन रुद्र को महसूस हो रहा था कि उस रात के बाद कुछ बदल चुका था। वह पहले जैसा नहीं था। उसकी ज़िंदगी में एक खालीपन था जो पहले कभी महसूस नहीं हुआ था।

आर्या की सांसें धीमी थीं, लेकिन उसकी आँखें धीरे-धीरे खुलने लगीं। जैसे ही उसकी आँखें रुद्र से मिलीं, दोनों के बीच की खामोशी और गहरी हो गई। वह कुछ कहना चाहती थी, पर उसकी ज़ुबान जैसे ताल से बंधी हुई थी। रुद्र की तरफ देखा और फिर अपनी आँखें नीचे कर लीं।

रुद्र ने एक गहरी सांस ली और कुछ पल चुप रहा। फिर उसने धीरे से कहा, “तुम ठीक हो?”
आर्या ने सिर हिलाकर जवाब दिया, “हाँ।” लेकिन उसकी आँखों में जो डर था, वह साफ दिख रहा था।

वह डर नहीं था कि वह कहीं खो जाएगी या रुद्र उसे छोड़ देगा। वह डर था कि उसने अपने सपनों को रुद्र की आँखों में ढूँढा है। उसका डर था कि कहीं वह अपने दिल के जज़्बातों से अपने भविष्य को न खो दे।

रुद्र ने अपनी आँखों में जो एक गहरी उदासी महसूस की, वह उसकी चुप्पी में छुपी थी। वह जानता था कि सुबह का सामना बहुत कुछ बदलने वाला है। उसका अतीत जैसे उसकी आँखों के सामने फिर से घूमने लगा था — वह टूटी हुई सगाई, वह गहरा धोखा, जो उसे कभी भी अपनी ज़िंदगी से बाहर नहीं जा पाने की तरह लगता था।

रुद्र की यादें तेज़ी से दौड़ने लगीं। उसकी आँखों के सामने वह दिन था जब उसने अपनी पहली प्यार को खो दिया था। वह वादा था जिसे उसने निभाया था, लेकिन धोखा खाने के बाद वह कभी भी किसी से अपनी ज़िंदगी के बारे में बात नहीं कर सका। उसका दिल बिखर गया था, और फिर से किसी को अपनाने में उसे डर लगने लगा था। अब, आर्या के साथ वह डर फिर से जिंदा हो रहा था, लेकिन इस बार वह अपने दिल के एक कोने में भी इसे छिपाने की कोशिश कर रहा था।

आर्या ने उसके चेहरे को गौर से देखा, “क्या तुम मुझे बताओगे कि तुम क्या सोच रहे हो?”
रुद्र ने गहरी साँस ली और उसे बताया, “मुझे डर है आर्या, कि मैं तुमसे फिर से वही गलती करूँगा। मेरे पास तुम्हारे लिए वह पूरी दुनिया नहीं है जो तुम deserve करती हो। मेरा अतीत और वो दर्द, जो मैंने झेला है, वह फिर से हमें दो कदम पीछे ले आएगा।”

आर्या चुपचाप उसकी बातों को सुन रही थी। उसके दिल में भी डर था — क्या वह तैयार थी अपने सपनों और अपने दिल के बीच इस रिश्ते को चुनने के लिए?

फिर आर्या ने उसकी आँखों में देखा और कहा, “तुमसे मिलने से पहले, मैं खुद को नहीं समझ पा रही थी। तुमसे मिलकर मुझे लगा कि शायद मैं अब सही रास्ते पर हूँ, लेकिन मुझे डर है कि मेरे सपने मुझे तुमसे दूर कर सकते हैं। मैं यह नहीं चाहती कि मैं तुम्हारे लिए वो बनूँ, जिसे तुम कभी भूल जाओ।”

रुद्र ने उसकी बातों को सुनते हुए उसकी हथेली को अपनी हथेली में लिया और धीरे से कहा, “क्या तुम मेरे साथ इस सफर पर चलने के लिए तैयार हो?”

आर्या की आँखों में एक गहरी जिज्ञासा थी। वह जानती थी कि यह सवाल एक बहुत बड़ी क़ीमत पर था। अगर वह रुद्र से जुड़ती, तो क्या वह अपने सपनों को खो देगी? क्या वह उसे एक नया रास्ता दिखा पाएगी?

दोनों के दिलों के बीच एक दूरियाँ थीं, जो सुबह की चुप्पी में और भी गहरी हो रही थीं। दोनों जानते थे कि यह पल खत्म होने वाला था, लेकिन फिर भी उनका दिल इस खामोशी में बंधा हुआ था। दोनों के सामने एक बड़ा सवाल था — क्या वे एक नई शुरुआत करेंगे या इस कहानी को यहीं खत्म कर देंगे?

आर्या ने धीरे से कहा, “मैं नहीं जानती रुद्र, मैं बस यही जानती हूँ कि मैंने तुम्हें समझा है, और तुम मुझे समझते हो। अब यह वक्त तय करेगा कि हम कहाँ जाते हैं।”

रुद्र ने उसकी आँखों में गहरी उम्मीद और प्यार को देखा, लेकिन उसकी ज़िंदगी में जो दर्द था, वह अब तक नहीं चला था। लेकिन उसने दिल से यह फैसला लिया कि वह उसे कभी अकेला नहीं छोड़ेगा, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।

“हम एक साथ चलेंगे, आर्या,” रुद्र ने कहा। “तुम मेरे साथ हो, और मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। हम दोनों की गलतियाँ हमारी ताकत बनेंगी, और हम उन ताकतों से अपने भविष्य को बनाएंगे।”

फिर दोनों चुपचाप एक-दूसरे को देख रहे थे। उन्होंने कोई सवाल नहीं पूछा, कोई आश्वासन नहीं मांगा। बस दिलों की धड़कनें एक साथ गूँज रही थीं।

कुछ पल बाद, रुद्र ने अपनी जेब से एक छोटी सी डायरी निकाली। उसमें एक शायरी थी जो उसने अपनी भावनाओं को शब्दों में बदलने के लिए लिखी थी। वह शायरी उसने आर्या के पास बढ़ाई और कहा, “यह हमारी कहानी है, आर्या। यह शायरी हमारे दिलों की आवाज़ है।”

आर्या ने उसे पढ़ा:
“कुछ लम्हें तुमसे मिलकर,
इसी दुनिया में खो गए,
तुमसे दूर जाते हुए,
हम हर पल खुद से खो गए।
कभी तुमसे टूटकर बिखरे,
कभी तुमसे जुड़कर चले,
लेकिन क्या तुम मुझे हर रोज़ वो पल देंगे,
जो हमने साथ बिताए थे?”

आर्या ने शायरी पढ़ी और उसकी आँखों में आंसू थे। उसने रुद्र को देखा, और फिर धीरे से कहा, “रुद्र, तुम मेरे साथ हो। और यही हमारी शुरुआत है।”

रुद्र ने मुस्कुरा कर उसका हाथ थामा और कहा, “आगे का रास्ता कठिन होगा, लेकिन हम साथ चलेंगे।”

उनकी आँखों में एक-दूसरे के लिए  प्यार था, लेकिन साथ ही एक समझ भी थी — कि इस रास्ते पर बहुत सी मुश्किलें आएंगी। लेकिन यह भी सच था कि वे अब एक-दूसरे के साथ थे, और यही सबसे बड़ी बात थी।

दोनों ने एक-दूसरे को गहरी निगाहों से देखा और फिर मुस्कराए। इस कहानी का अंत, एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रहा था।

और फिर उन्होंने एक साथ वह कदम उठाया, जो उनके रिश्ते की नई शुरुआत का प्रतीक था — एक कदम जो हमेशा के लिए दोनों के दिलों में रहेगा।

 

Part 1: “अजनबी रास्ते, अनजानी बातें”

Part 2: “रात के साए में दिल की बातें”

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