जब तुमसे बिछड़ा – एक दिल को छू जाने वाली इमोशनल लव स्टोरी | StoryShayari
सर्दियों की एक हल्की धुंध वाली सुबह थी।
आर्या अपने छोटे से कैफे के बाहर बैठी, कॉफी की चुस्कियों के बीच उस पुराने खत को पढ़ रही थी, जिसे उसने कभी भेजा ही नहीं था।
खत पर लिखा था —
“अगर कभी खो जाऊं, तो मुझे अपनी यादों में ढूँढना…”
आर्या की आँखें भर आईं।
कितनी अजीब बात थी ना?
जिससे सबसे ज्यादा प्यार किया, उसे ही सबसे दूर होना पड़ा।
आर्या और मानव —
दोनों बचपन के दोस्त थे।
एक ही गली में रहते थे, एक ही स्कूल, एक ही कॉलेज।
उनकी दोस्ती में एक मासूमियत थी, एक नज़ाकत थी, जो बिना कुछ कहे भी सब कुछ बयां कर देती थी।
मानव हमेशा आर्या को तंग करता था,
“तेरा गुस्सा तो पूरी दुनिया से लड़ सकता है!”
और आर्या मुस्कुराते हुए कहती,
“और तेरी मुस्कान मेरा सारा गुस्सा चुरा लेती है।”
धीरे-धीरे दोस्ती ने प्यार का रंग ले लिया।
ना किसी ने इज़हार किया, ना किसी ने इनकार।
बस एक खामोश समझ थी —
जहाँ नज़रों की भाषा दिल की दुआ बन गई थी।
एक दिन, मानव ने आर्या को अपने सपनों के बारे में बताया —
“मैं विदेश जाऊंगा, एक बड़ा बिजनेस शुरू करूंगा। फिर तुझे बुलाऊंगा, और हम हमेशा के लिए साथ रहेंगे।”
आर्या ने बस मुस्कुराकर कहा था,
“मैं यहीं रहूँगी… तेरा इंतजार करते हुए।”
मानव चला गया।
पहले कुछ हफ्तों तक कॉल्स आते रहे, वीडियो चैट्स, मैसेजेस।
फिर काम का बहाना… बिजी रहने का बहाना… और धीरे-धीरे संवाद टूटने लगा।
आर्या हर रोज़ उसी पुराने गली में घूमती, उसी कैफे में बैठती, उसी पार्क की बेंच पर मानव का इंतजार करती —
लेकिन वो नहीं आया।
कभी-कभी उसने खुद को समझाया,
“शायद वो बहुत बिजी होगा।”
“शायद आज आएगा।”
“शायद कल आएगा।”
लेकिन कई “शायद” बीतने के बाद भी मानव नहीं लौटा।
तीन साल गुजर गए।
फिर एक दिन, एक अजनबी खत उसके कैफे के दरवाजे पर फिसलता हुआ आया।
उस पर बस एक शब्द लिखा था — “माफ करना।”
खत के अंदर था —
“मैंने तुझे नहीं छोड़ा था, आर्या। मैंने तुझे बचाया था।
जब मैं विदेश गया, मेरी एक गंभीर बीमारी का पता चला।
डॉक्टरों ने कहा कि मैं ज्यादा दिन नहीं जी पाऊंगा।
मैं नहीं चाहता था कि तू मेरी बीमारी में उलझ कर अपनी सारी खुशियाँ खो दे।
इसलिए मैंने खुद को दूर कर लिया…
तेरी मुस्कान को बचाने के लिए।
अगर किस्मत ने मौका दिया, तो किसी अगले जन्म में तेरा हाथ थामूंगा।
इस जन्म में सिर्फ दुआएं छोड़ रहा हूँ… तुझसे बेपनाह मोहब्बत के साथ।“
-
मानव
आर्या खत पढ़ते ही फूट-फूट कर रो पड़ी।
उसने आसमान की तरफ देखा —
शायद मानव वहीँ कहीं देख रहा था।
उस दिन आर्या ने एक फैसला किया।
उसने अपने छोटे से कैफे का नाम बदलकर “मानव” रख दिया।
अब जब भी कोई कैफे में आता, आर्या मुस्कुराकर कहती,
“यह जगह एक अधूरी मोहब्बत की सबसे खूबसूरत याद है।”
वक़्त ने जख्मों पर परतें चढ़ा दी थीं, पर हर परत के नीचे वही अधूरी मोहब्बत धड़कती रही।
आर्या अब भी हर रात कॉफी के प्याले के साथ कैफे के कोने में बैठती थी,
मानव की पुरानी चिट्ठियाँ पढ़ती थी,
और खामोशी में उसके होने का एहसास करती थी।
कभी-कभी प्यार में मिलना ज़रूरी नहीं होता,
कभी-कभी प्यार सिर्फ दुआओं में जीता है।
क्योंकि —
“सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता।
वो बस एक याद बनकर, हमेशा के लिए दिल में बस जाता है…”
लेखक: Swapnil Kankute
श्रेणी: हिंदी इमोशनल लव स्टोरी