Offcanvas

Please select a template!

अप्रैल 2025 के त्योहार: तिथियाँ, परंपराएँ और उत्सव

Festivals April 2025 में आने वाले मुख्य त्योहार और अवकाश

अप्रैल का महीना भारत में त्योहारों और उत्सवों से भरा होता है। इस महीने का मौसम सुहावना रहता है और विभिन्न संस्कृतियों के लोग अपने पारंपरिक उत्सव मनाते हैं। आइए जानते हैं Festivals April 2025 में आने वाले मुख्य त्योहार और सार्वजनिक अवकाश।

 

अप्रैल 2025 के सार्वजनिक अवकाश

 

तिथिदिनत्योहारराज्य
1 अप्रैलमंगलवारसरहुलझारखंड
1 अप्रैलमंगलवारओडिशा दिवसओडिशा
1 अप्रैलमंगलवारईद-उल-फितर अवकाशतेलंगाना
5 अप्रैलशनिवारबाबू जगजीवन राम जयंतीआंध्र प्रदेश और तेलंगाना
6 अप्रैलरविवारराम नवमीविभिन्न राज्य
10 अप्रैलगुरुवारमहावीर जयंतीकई राज्य
13 अप्रैलरविवारमहा विषुवा संक्रांतिओडिशा
14 अप्रैलसोमवारतमिल नव वर्ष, बिहू, बंगाली नव वर्षविभिन्न राज्य
18 अप्रैलशुक्रवारगुड फ्राइडेराष्ट्रीय अवकाश
20 अप्रैलरविवारईस्टर संडेकेरल और नागालैंड
29 अप्रैलमंगलवारमहर्षि परशुराम जयंतीकई राज्य
30 अप्रैलबुधवारबसवा जयंतीकर्नाटक

अप्रैल 2025 के त्योहारों का महत्व और परंपराएँ

 

राम नवमी (6 अप्रैल 2025)

महत्व:

राम नवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। श्री राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्मे थे। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

परंपराएँ:

  • इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और रामचरितमानस का पाठ करते हैं।
  • मंदिरों में भजन-कीर्तन और हवन आयोजित किए जाते हैं।
  • कई जगहों पर शोभायात्राएँ निकाली जाती हैं, जिनमें राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के रूप में सजे कलाकार शामिल होते हैं।
  • भक्त गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं और भगवान राम की पूजा करते हैं।


 

महावीर जयंती (10 अप्रैल 2025)

महत्व:

महावीर जयंती जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान महावीर के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जो जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। उन्होंने अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह का संदेश दिया।

परंपराएँ:

  • जैन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
  • भगवान महावीर की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है।
  • शोभायात्राएँ निकाली जाती हैं और उनके उपदेशों का प्रचार किया जाता है।
  • जैन समुदाय इस दिन दान-पुण्य करता है और गरीबों को भोजन वितरित करता है।

 

गुड फ्राइडे (18 अप्रैल 2025)

महत्व:

गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था। यह बलिदान और क्षमा का प्रतीक है।

परंपराएँ:

  • चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएँ आयोजित की जाती हैं।
  • लोग उपवास रखते हैं और आध्यात्मिक चिंतन करते हैं।
  • इस दिन कई स्थानों पर क्रूस की यात्रा (Way of the Cross) की जाती है, जो ईसा मसीह के अंतिम पलों को दर्शाती है।

 

बिहू (14-16 अप्रैल 2025)

महत्व:

बिहू असम का सबसे बड़ा त्योहार है और यह नए साल तथा फसल कटाई के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव तीन दिनों तक चलता है और इसे ‘रंगाली बिहू’ भी कहा जाता है।

परंपराएँ:

  • युवा पारंपरिक बिहू नृत्य करते हैं।
  • इस अवसर पर स्वादिष्ट व्यंजन जैसे पिठा, लारू और चिरा-दही बनाए जाते हैं।
  • परिवार और मित्र एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।
  • पशुओं, विशेष रूप से गायों, की पूजा की जाती है।

 

तमिल नव वर्ष (14 अप्रैल 2025)

महत्व:

तमिल नव वर्ष, जिसे ‘पुथांडु’ भी कहा जाता है, तमिल समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला नया साल है। यह नए सत्र की शुरुआत और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

परंपराएँ:

  • घरों को सुंदर रंगोली से सजाया जाता है।
  • परिवार मंदिरों में पूजा करने जाते हैं।
  • विशेष व्यंजन जैसे ‘मंगो पचड़ी’ बनाया जाता है, जिसमें मीठे, खट्टे और कड़वे स्वाद होते हैं, जो जीवन के विभिन्न अनुभवों को दर्शाते हैं।

 

ईस्टर (20 अप्रैल 2025)

महत्व:

ईस्टर ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो ईसा मसीह के पुनर्जीवन (Resurrection) की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन जीवन, आशा और पुनरुत्थान का प्रतीक है।

परंपराएँ:

  • चर्चों में विशेष प्रार्थनाएँ होती हैं।
  • अंडों से जुड़े खेल और चॉकलेट अंडों का आदान-प्रदान किया जाता है।
  • परिवारजन विशेष भोज का आयोजन करते हैं।

 

अन्य महत्वपूर्ण त्योहार

बैसाखी (13 अप्रैल 2025)

  • पंजाब में यह फसल कटाई का पर्व है और इसे सिख समुदाय के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • इस दिन गुरुद्वारों में अरदास की जाती है और लंगर का आयोजन होता है।
  • भांगड़ा और गिद्दा नृत्य किए जाते हैं।

 

विषु (14 अप्रैल 2025)

  • यह केरल का नववर्ष है।
  • विषु कणी दर्शन किया जाता है, जिसमें फूल, फल और अन्य शुभ वस्तुओं को सजाया जाता है।
  • इस दिन लोग पटाखे जलाते हैं और विशेष भोज का आनंद लेते हैं।

 

डॉ. अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल 2025)

  • यह डॉ. बी. आर. अंबेडकर के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है।
  • इस दिन उनकी मूर्तियों पर माल्यार्पण किया जाता है और रैलियों का आयोजन किया जाता है।

 

अप्रैल 2025 क्यों है खास?

अप्रैल 2025 में भारत के विभिन्न हिस्सों में अनेक Festivals April 2025 मनाए जाएंगे। ये त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को दर्शाते हैं। Festivals April 2025 में लोग आपसी प्रेम और भाईचारे को मजबूत करते हैं। चाहे वह राम नवमी हो, बिहू हो या महावीर जयंती, हर उत्सव का एक विशेष महत्व होता है। Festivals April 2025 न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रकट करते हैं बल्कि समाज को एकजुट भी करते हैं।

Festivals April 2025 भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं और हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास लेकर आते हैं। इस साल के Festivals April 2025 में आप कौन सा त्योहार मनाने के लिए उत्साहित हैं? हमें कमेंट में बताएं!

FAQ

Frequently Asked Questions

अप्रैल 2025 में कुल 12 सार्वजनिक अवकाश हैं।

Festivals April 2025 की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी और पूरा महीना उत्सवमय रहेगा।

राम नवमी, महावीर जयंती और ईस्टर सबसे प्रमुख त्योहार हैं।

भारत के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग रूप में त्योहार मनाए जाएंगे।

बिहू असम में नववर्ष और फसल कटाई के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन जैन मंदिरों में प्रार्थना, प्रवचन और दान-पुण्य का आयोजन किया जाता है।

यह ईसा मसीह के बलिदान का स्मरण दिवस है, जिसे ईसाई समुदाय विशेष प्रार्थनाओं के साथ मनाता है।

इस दिन घरों की सजावट, मंदिरों में पूजा और पारंपरिक भोजन तैयार किया जाता है।

हर त्योहार की अपनी विशेषता है, लेकिन राम नवमी और बिहू पूरे भारत में बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं।

ईस्टर ईसा मसीह के पुनर्जन्म का प्रतीक है और इसे ईसाई समुदाय बहुत श्रद्धा के साथ मनाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *