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सुनीता विलियम्स: 9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटेंगी, जानें उनके अंतरिक्ष मिशन और गुजरात कनेक्शन

सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी

भारतीय मूल की NASA अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर ने नौ महीने से अधिक समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताया। अब वे बुधवार, 20 मार्च 2025 को पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। यह मिशन मूल रूप से जून 2024 में केवल एक सप्ताह के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण यह यात्रा लंबी हो गई।

हाइलाइट्स

✔ सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की पृथ्वी पर वापसी का समय करीब है। ✔ गुजरात के झूलासन गांव के लोग उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। ✔ उनकी अंतरिक्ष यात्रा भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।

अंतरिक्ष में 9 महीने कैसे बीते?

सुनीता और बुच Boeing Starliner अंतरिक्ष यान से ISS गए थे। यह मिशन एक सप्ताह के लिए तय था, लेकिन अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी लगातार टलती रही। अब, SpaceX Crew-10 के सफल लॉन्च के बाद, उनके लौटने का रास्ता साफ हो गया है। NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत 14 मार्च को स्पेसएक्स क्रू-10 ने केनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी, जिससे ISS में नए अंतरिक्ष यात्री पहुंचे और सुनीता-बुच की वापसी संभव हुई।

सुनीता विलियम्स का गुजरात से नाता

सुनीता विलियम्स का पैतृक गांव गुजरात के झूलासन में स्थित है। उनके पिता डॉ. दीपक पांड्या मूल रूप से यहीं से थे। उन्होंने 1957 में अमेरिका जाकर वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया। सुनीता की यादें इस गांव से जुड़ी हैं। गांव में एक लाइब्रेरी और स्कूल में उनके दादा-दादी की तस्वीर भी लगी है।

सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय

  • पूरा नाम: सुनीता लिंडा विलियम्स
  • जन्म: 19 सितंबर 1965, यूक्लिड, ओहियो, अमेरिका
  • पिता: डॉ. दीपक पांड्या (भारतीय मूल के न्यूरोसाइंटिस्ट)
  • माता: बोनी पांड्या (स्लोवेनियाई मूल की अमेरिकी)
  • शिक्षा: फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • पहला अंतरिक्ष मिशन: STS-116 (2006)
  • अंतरिक्ष में कुल समय: 321 दिन
  • रिकॉर्ड: सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री

गुजरात दौरे और गांव का गर्व

सुनीता ने अपने पैतृक गांव झूलासन का तीन बार दौरा किया है: ✔ 1972 में बचपन में। ✔ 2007 में अंतरिक्ष से लौटने के बाद। ✔ 2013 में जब उन्हें भारत सरकार ने सम्मानित किया।

गांव के लोग आज भी उनकी सफलता को गर्व से देखते हैं। जब 2024 में खबर आई कि वे ISS में फंसी हुई हैं, तब गांव वालों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए दीप जलाए।

नासा का कमर्शियल क्रू प्रोग्राम और सुनीता की वापसी

NASA का कमर्शियल क्रू प्रोग्राम नए अंतरिक्ष यान विकसित करने के लिए बनाया गया है। इसमें बोइंग और स्पेसएक्स जैसी निजी कंपनियां शामिल हैं।

कैसे होगी वापसी?

  1. स्पेसएक्स क्रू-10 के पहुंचने के बाद सुनीता और बुच अपनी जगह नए क्रू को देंगे।
  2. स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से वे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेंगे।
  3. फ्लोरिडा के अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन के जरिए लैंडिंग होगी।
  4. उन्हें तुरंत मेडिकल परीक्षण और NASA के रिहैब प्रोग्राम में भेजा जाएगा।

सुनीता विलियम्स के प्रेरणादायक विचार

उन्होंने कहा था: 👉 “अंतरिक्ष में जाना मेरे लिए सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि एक सपना था। यह हर भारतीय के लिए भी प्रेरणा है।” 👉 “मैं भारतीय मूल से हूँ और हमेशा अपने गांव और देश को याद करती हूँ।”

सुनीता विलियम्स की यह वापसी न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत और खासकर गुजरात के लोगों के लिए गर्व का क्षण है। उनकी हिम्मत, जज़्बा और सफलता सभी के लिए प्रेरणा है।



FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

सुनीता विलियम्स की वापसी कब हो रही है?
✔ वे 20 मार्च 2025 को पृथ्वी पर लौटेंगी।

सुनीता विलियम्स का पैतृक गांव कहाँ है?
✔ उनका गांव झूलासन, गुजरात में स्थित है।

वे कितनी बार अंतरिक्ष में गई हैं?
✔ वे तीन बार अंतरिक्ष मिशन पर जा चुकी हैं।

सुनीता विलियम्स का सबसे बड़ा योगदान क्या है?
✔ वे अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं और उन्होंने कई स्पेसवॉक किए हैं।

क्या वे अपने गांव आ चुकी हैं?
✔ हां, उन्होंने 1972, 2007 और 2013 में अपने गांव का दौरा किया था।

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