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टैरिफ क्या है? | What is Tariff?

परिचय

अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक नीतियों में “Tariff” एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और व्यापारिक संबंधों को प्रभावित करने वाले इस महत्वपूर्ण तत्व को समझना आवश्यक है। इस लेख में हम टैरिफ क्या है, इसके प्रकार, उद्देश्य और प्रभावों को विस्तार से समझेंगे।

टैरिफ क्या है?

टैरिफ एक कर या शुल्क है जिसे एक देश की सरकार द्वारा आयातित या निर्यातित वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह मुख्य रूप से सरकार के लिए राजस्व अर्जित करने, घरेलू उद्योगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यापार संतुलन को बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाता है।

सरल शब्दों में, जब कोई देश किसी अन्य देश से वस्तुओं या सेवाओं का आयात करता है, तो वह अपनी सीमा में उन वस्तुओं पर अतिरिक्त कर या शुल्क लगाता है, जिसे टैरिफ कहा जाता है। यह कर किसी भी उत्पाद की लागत को प्रभावित करता है और उपभोक्ताओं व निर्माताओं पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है।

टैरिफ के प्रकार

  1. आयात टैरिफ (Import Tariff):
    • यह शुल्क किसी देश में आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है।
    • इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादकों को संरक्षण देना और आयात को नियंत्रित करना होता है।
  2. निर्यात टैरिफ (Export Tariff):
    • यह शुल्क किसी देश द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है।
    • आमतौर पर इसका उपयोग कच्चे माल के निर्यात को सीमित करने और घरेलू उद्योगों को सस्ते संसाधन प्रदान करने के लिए किया जाता है।
  3. एड वेलोरम टैरिफ (Ad Valorem Tariff):
    • यह एक प्रतिशत-आधारित कर है जो उत्पाद के मूल्य पर लगाया जाता है।
    • उदाहरण: 10% टैरिफ का मतलब है कि यदि किसी वस्तु की कीमत $100 है, तो उस पर $10 का टैरिफ लगेगा।
  4. विशिष्ट टैरिफ (Specific Tariff):
    • यह टैरिफ किसी वस्तु की मात्रा, वजन या इकाई के आधार पर लगाया जाता है।
    • उदाहरण: प्रति टन $5 का शुल्क।
  5. संयुक्त टैरिफ (Compound Tariff):
    • इसमें एड वेलोरम और विशिष्ट टैरिफ दोनों को मिलाकर लगाया जाता है।
    • उदाहरण: 5% मूल्य-आधारित कर + प्रति टन $2 शुल्क।

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टैरिफ लगाने के उद्देश्य

  1. घरेलू उद्योगों की सुरक्षा:
    • Tariffघरेलू उत्पादकों को आयातित वस्तुओं से प्रतिस्पर्धा करने में सहायता करता है।
  2. सरकार के लिए राजस्व संग्रह:
    • टैरिफ सरकार को करों के रूप में राजस्व प्रदान करता है।
  3. व्यापार घाटे को कम करना:
    • Tariffआयात को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे व्यापार संतुलन को बनाए रखा जाता है।
  4. रोजगार के अवसर बढ़ाना:
    • यदि घरेलू उद्योग सुरक्षित रहते हैं, तो इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होते हैं।
  5. राष्ट्र की सुरक्षा:
    • कुछ संवेदनशील उद्योगों, जैसे रक्षा और कृषि, को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए टैरिफ लगाया जाता है।

Tariff के प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव:

  • घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहन: टैरिफ की वजह से घरेलू उत्पादकों को अधिक प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है।
  • सरकारी राजस्व में वृद्धि: टैरिफ सरकार के लिए एक प्रमुख राजस्व स्रोत हो सकता है।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती: यदि घरेलू उद्योग सुरक्षित हैं, तो वे अधिक निवेश आकर्षित कर सकते हैं।

नकारात्मक प्रभाव:

  • उपभोक्ताओं के लिए महंगे उत्पाद: टैरिफ के कारण आयातित वस्तुएँ महंगी हो सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।
  • व्यापार युद्ध की संभावना: टैरिफ के जवाब में अन्य देश भी टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे व्यापार युद्ध छिड़ सकता है।
  • वैश्विक व्यापार में अस्थिरता: उच्च टैरिफ वैश्विक व्यापार को बाधित कर सकता है और आपूर्ति श्रृंखला को नुकसान पहुँचा सकता है।

निष्कर्ष

टैरिफ किसी भी देश की आर्थिक नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह घरेलू उद्योगों की सुरक्षा और सरकार के लिए राजस्व उत्पन्न करने में मदद करता है, लेकिन इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। एक संतुलित टैरिफ नीति से किसी भी देश को अपने व्यापारिक और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है।

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